UFM: एसएससी का नया घोटाला, छात्रों का भविष्य अधर में डाला

कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) का नाम देश के उन महत्वपूर्ण संस्थाओं में गिना जाता है जो बड़े पैमाने पर भर्ती परीक्षाएं करवाता है। लेकिन बीते कुछ सालों में एसएससी अपनी साख को खुद-ब-खुद गिराती जा रही है। यदि हम एसएससी द्वारा करवाई गयी पिछली भर्ती प्रक्रिया देखें तो व्यापक भ्रष्टाचार स्पष्ट दिखाई देगा। वर्ष 2018 में एसएससी सीजीएल 2017 की परीक्षा का पेपरलीक मामला सामने आया था, जिसको लेकर राजधानी समेत देश के विभिन्न राज्यों में भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के खिलाफ महीनों तक आन्दोलन चले। अंत में बेशर्मी के साथ भर्ती प्रक्रिया जोर-जबरदस्ती से संपन्न करवाई गयीं। यह पूरा भ्रष्टाचार जिनकी देखरेख में हुआ था, कार्यकाल ख़त्म होने के बाद भी उन्हें पुनः आयोग का अध्यक्ष बनाया गया।

आजकल एसएससी ने छात्रों को परेशान करने का एक नया रास्ता निकाला है, UFM यानि अनफेयर मीन्स। इस UFM का कोई स्थायी नियम नहीं है, जांचकर्ता अपने हिसाब से किसी भी अभ्यर्थी को UFM के तहत शून्य अंक देकर बाहर कर सकता है। बकौल एसएससी, UFM के तहत CHSL 2018, CGLE 2018 व MTS 2019 की उत्तरपुस्तिकाएं जाँची जायेंगी।

क्या है UFM का पूरा मामला :

29 सितम्बर 2019 को एसएससी सीएचएसएल- 2018 टियर II (विवरणात्मक) की परीक्षा करवाई गयी। उक्त परीक्षा के परिणाम 25 फरवरी 2020 को घोषित हुए, जिसमें यह पाया गया कि 4560 छात्रों को UFM के तहत शून्य अंक दिया गया है। जबकि इस दायरे में आने वाले कई छात्रों ने पूर्व निर्देशिका के अनुरूप हुए मूल्यांकन में अच्छे अंक प्राप्त किये थे। छात्रों ने RTI द्वारा उत्तरपुस्तिकायें मंगवाई तो पता चला कि उनके उत्तर को UFM कर दिया गया है। अभ्यर्थियों के अनुसार CGLE 2018 के नोटिफ़िकेशन, एडमिट कार्ड के निर्देशों व किसी अन्य नोटिस में वास्तविक या काल्पनिक पते के प्रयोग पर अयोग्य ठहरा दिया जाने का ज़िक्र नहीं किया गया था।  अचानक से परीक्षा वाले दिन ही CHSLE 2018 और CGLE 2018 के लिए एसएससी द्वारा नियमों में ये बदलाव किया जाता है।

RTI द्वारा प्राप्त उत्तरपुस्तिका

एसएससी देश की ऐसी परीक्षा है जिससे लाखों छात्रों का भविष्य निर्धारित होता है, ऐसी किसी भी परीक्षा में कोई भी बदलाव (छोटा या बड़ा) करने से पूर्व अलग से एक आधिकारिक सर्कुलर द्वारा कम से कम परीक्षा से एक हफ्ते पहले जारी किया जाना चाहिए था। एसएससी के डिस्क्रिप्टिव परीक्षा की तैयारी छात्र पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र, CBSE या NCERT के फॉरमेट में अथवा कोचिंग इंस्टिट्यूट्स की मदद से करते हैं। इन सभी में यह निर्देशित होता रहा है कि किसी भी अधूरे पते को या प्रश्न में पता न दिए होने पर छात्र बनावटी मकान नंबर, कॉलोनी के नाम, शहर का नाम या बनावटी पिन कोड लिख सकता है, ताकि अधूरे एड्रेस के मार्क्स उसके कट न जाएं। यहां तक कि एसएससी भी पत्र के फॉरमेट पर अलग से मार्किंग करता है। तो ऐसे में छात्रों द्वारा बिना अपनी निजी जानकारी देते हुए अक्सर ही बनावटी अड्रेस, नाम, पता या शहर का नाम इस्तेमाल किया जाता है।


RTI द्वारा प्राप्त उत्तरपुस्तिका

एसएससी CGLE 2018 के डिस्क्रिप्टिव परीक्षा में औपचारिक पत्र के प्रश्न में पत्र रिसीव करने वाले एड्रेस, GD रेस्टोरेंट और भेजने वाले का भी पता अधूरा था जिसमे कोई मकान या कॉलोनी नं. प्रश्न पत्र में लिखा नहीं था। ऐसे में छात्रों ने बनावटी मकान नं। और कॉलोनी नं. भेजने वाले के पते पर लिखे थे। CGLE 2018 और CHSLE 2018 दोनों ही परीक्षाओं में उदाहरण बतौर 123, अ/1, XYZ कॉलोनी आदि पत्र पाने वाले के पते में छात्रों ने चलताऊ जानकारी दी थी। जैसे कि, XYZ शहर, द्वारका, फरीदाबाद, नई दिल्ली -12345 आदि। जिनमें से कोई भी पता या कोई निजी जानकारी नहीं दे रहा है और एसएससी के प्रश्नपत्र के निर्देशों में भी जैसा कि यही निर्देशित रहता है।

एसएससी सीएचएसएल- 2018 टियर II का मनमाना मूल्यांकन:

एसएससी द्वारा जांची गयी उत्तरपुस्तिकाओं का मनमाना मूल्यांकन किया गया है। बुकलेट संख्या 60**606 में छोटी को स्नेह देना में ‘छोटी’ शब्द को UFM बताकर शून्य अंक दिया गया। उक्त अभ्यर्थी को पहले मूल्यांकन में 100/75 अंक मिले थे। बुकलेट संख्या 60***01 में भी ‘छोटी को प्यार देना’ लिखा था, लेकिन यहाँ UFM नहीं लगाया गया। एक उत्तरपुस्तिका में प्रेषित किये जाने के पते को पूरा (150, CGO Complex) करने पर UFM बताकर शून्य अंक दिया गया। इस अभ्यर्थी को 100/67 अंक मिले थे। ऐसी ही समानांतर गलती करने पर अगले अभ्यर्थी को UFM नहीं दिया गया।

एसएससी द्वारा किया गया यह मनमानापन संस्थान की साख पर दाग लगाने का काम है। छात्रों की नजरों में एसएससी की हर परीक्षा संदेह के दायरे में न रहे इसलिए इस गलती पर विचार करें और उपरोक्त तीनों परीक्षाओं के परिणाम को स्थगित करे।

उपयुक्त प्रक्रिया पर आइसा मांग करता है कि:

  • CHSL 2018, CGL 2018 व MTS 2019 का मूल्यांकन पूर्व निर्देशिका के अनुरूप हो।
  • नए आवेदनों में UFM को स्पष्टतः लागू करें।
  • CHSL 2018 Tier 2 की परीक्षा को पूर्व निर्देशिका के अनुरूप मूल्यांकित किया जाय और परिणाम पुनः जारी किया जाय।

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