पुलिस और आर्मी के दमन के बल पे लोकतान्त्रिक आवाज़ों को दबाने की कोशिश

Yogi Adityanath
Yogi Adityanath

हम ऐसे दौर मे है जहा एक मुख्यमंत्री शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही जनता को धमकी दे रहा है की इस विरोध प्रदर्शन का बदला लिया जायेगा

हम एक ऐसे दौर मे है जहा पूरा सरकारी तंत्र शांतिपूर्ण विरोध करने वाली आम जनता की हत्या का ज़िम्मेदार है 

21 दिसम्बर को द quint की ऑनलाइन रिपोर्ट यह स्पष्ट कर रही है की किस तरह उप पुलिस मुजफ्फरपुर के खालपुर इलाके मे  मस्जिद के पास CAA और NRC के विरोध प्रदर्शन के वक़्त बुरी तरह तोड़ फोड़ कर रही है, वीडियो क्लिप मे साफ समझ आ रहा है की किस तरह पुलिस डंडे लेकर मस्जिद मे घुसी 1 am के पास और बुरी तरह प्रॉपर्टी को तोड़फोड़ रही है साथ ही सीसीटीवी कैमरे को भी, पुलिस और पैरामिलिट्री सेना ने मुस्लिम परिवारों की प्रॉपर्टी को तोड़ा फोडा साथ ही बच्चो तक को टॉर्चर किया, ऐसी कई वीडियो प्रदर्शनकारियों द्वारा बनायीं गयी है जिसमे साफ दिख रहा है की पुलिस ना केवल प्रदर्शनकारियों को मार रही है साथ ही सारे मुस्लिम समुदाय के लोगो पर हिंसा कर रही है सांप्रदायिक गालिया देते हुए, न्यूज़ रिपोर्ट्स ये बता रही है की  दिल्ली पुलिस स्टूडेंट प्रोटेस्ट की बाकायदा वीडियो बनवा रही है ताकि आम प्रदर्शनकारी छात्रों को चेहरों को पहचान कर उन्हें निशाना बनाया जा सके, ये निजता के अधिकार पर भी हमला है, असम मे पुलिसिया हिंसा  के चलते 5 लोग मर चुके है जिनमे से 2 माईनर  थे उप पुलिस की हिंसा के चलते 19 लोग मर चुके है केवल उप मे 1110 लोग अरेस्ट मे है 5560 लोग डीटेन हुए है, मुख़्यमंत्री के शर्मनाक आदेशों के  चलते 5558 लोग निवारक नज़रबंदी के तहत बंद है, वामपंथी, लोकतान्त्रिक एवं आइसा के भी कई कार्यकर्त्ता अरेस्ट मे है, दिल्ली मे  चंद्रशेखर रावण जैसे राजनितिक कार्यकर्ता को अरेस्ट किया गया जब दिल्ली गेट पर पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्ण हिंसा की गयी, आइसा के कार्यकर्ता जब अस्पताल मे घायल लोगो से मिले तो वहा पता चला की लोक नायक अस्पताल किसी लिखित प्रमाण के तहत घायल होने ka कारण देने से इंकार कर रहा

Police pelting stones
Police pelting stones
Police Brutality in UP
Police Brutality in UP

पुलिस हिंसा के अलावा आर्मी चीफ ने भी आर्मी के सिद्धांतो को पीछे रखते हुए राजनितिक टिप्पणी देनी शुरू कर दी है और आम छात्रों पर निशाना साधते हुए उनपर राजनितिक टिप्पणी कर रहे है, 27 दिसंबर को वे कहते है की विरोध प्रदर्शन के नेता छात्रों को गलत राह पर ले जा रहे ,

यह सारे तथ्य यह स्पष्ट करते है की किस तरह भाजपा लोकतंत्र को हटाने की, लोकतान्त्रिक आवाज़ों को दबाने की की कोशिश कर रही है साथ ही राज्य के साधनो का प्रयोग सांप्रदायिक एवं लोकतंत्र विरोधी कामो के लिए कर रही, यह बात भारत देश के लिए सबसे ख़तरनाक है क्योंकि ये सरकार का रवैया  लोकतंत्र धर्मनिरपेक्षता और संप्रभूता के लिए खतरा है, हम ये बात बार बार दोहराना चाहेंगे की ये आंदोलन कोई  पुलिस विरोधी नहीं बल्कि लोकतंत्र और संविधान को बचाने का आंदोलन है, जो आम जनता और छात्र सड़को पर उतर रहे है उनका कोई विवाद पुलिस नहीं है बल्कि वो तो धर्मो मे विवाद कराने वाली संविधान विरोधी शक्तिओ के खिलाफ लड़ रहे है,और लोकतान्त्रिक तरीको को नकारने का काम तो ये सरकार कर रही है कभी लाठी कभी आंसू गैस कभी बैरिकैड और कभी निर्मम हत्याओं के दम पे,  संविधान को और संस्थाओ की अखंडता को सरकारी दबाव  से बचाने का हमारा ये संघर्ष चलता रहेगा, हम आप सभी संवैधानिक संस्थाओ से अनुरोध करते है की वे वफादार बने संविधान को बचाने के  लिए फुट डालने वाली तानाशाही भाजपा और संघी ताकतों के खिलाफ.

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